लखनऊ: सीएम योगी ने अफसरों और नेताओं के बीच सामंजस्य न होने के कारण रविवार को विकास परियोजनाओं के उद्घाटन से पहले बैठक की। इसमें झांसी, कानपुर और चित्रकूट डिवीजन के अफसर व एमपी, एमएलए शामिल हुए। परियोजनाओं को अलग रूप देने से पहले जनप्रतिनिधियों के साथ रखे गए इस मंडलवार संवाद का विचार पिछली बैठकों से लिया गया था। 

आधिकारिक घोषणा की गई कि भविष्य में इसी प्रकार की बैठकें की जाएगी। यह बैठक अगले वर्ष के पंचायत चुनाव और 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अफसरों और जनप्रतिनिधियों के बीच की खाई को समाप्त करने के लिए किया गया था। सीएम आवास पर हुई बैठक में झांसी डिवीजन के लिए 4901 करोड़, चित्रकूट डिवीजन के लिए 3875 करोड़ और कानपुर डिवीजन के छह जिलों के लिए 10914 करोड़ आवांटित किया गया। 

जनप्रतिनिधियों के विचार लेकर परियोजनाओं को अंतिम रूप दें अफसर
जनप्रतिनिधियों को अपने क्षेत्र के अनुरूप योजनाएं व परियाजनाएं बनाने की स्वतंत्रता दी गई थी, जिससे क्षेत्र के सभी मुद्दों पर चर्चा की जा सके। विधायकों द्वारा विभिन्न परियोजनाओं का प्रस्ताव रखा गया, जिसमें सड़क, सिंचाई और धार्मिक संस्थान जैसे अहम विषय शामिल थे। सीएम ने सभी अधिकारियों से जनप्रतिनिधियों के विचार लेकर परियोजनाओं को अंतिम रूप देने को कहा है। 

सभी प्रतिनिधियों से कहा, आप लोग अपने क्षेत्र में सरकारी योजनाओं और परियोजनाओं को लागू करने के साथ उसकी निगरानी भी करेंगे। उसके बाद उन्होंने एमपी और एमएलए से अफसरों के साथ सामंजस्य और जनता की उनसे उम्मीद के विषय में सुझाव लिया। सीएम ने अधिकारियों को आदेश दिया कि परियोजनाओं का शिलान्यास स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा कराया जाए। 

अब अफसर जनप्रतिनिधियों को अपना पूरा सहयोग देंगे
पूर्व में कई नेताओं ने अफसरों के सहयोग न करने के कारण विभिन्न योजनाओं को लागू करने में समस्या हुई, जिससे जनता से भी शिकायतें मिली थीं। एक विधायक ने कहा, सीएम ने अधिकारियों से कहा कि उम्मीद है कि बैठक सार्थक रही और आप लोग अब अपना पूरा सहयोग जनप्रतिनिधियों को देंगे।