अब दिल्ली करेगी ई-कचरे का सही इस्तेमाल, बनेगा देश का पहला आधुनिक इको पार्क
नई दिल्ली: दिल्ली के पहले प्रदूषण-रहित और नेट-जीरो ई-वेस्ट इको पार्क को तैयार करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, दिल्ली सरकार ने एक थर्ड-पार्टी कंसल्टेंसी को ग्लोबल स्टडी करने की जिम्मेदारी सौंपी है. इस स्टडी का उद्देश्य होलंबी कलां में एक विश्वस्तरीय सुविधा स्थापित करना है, जो ई-वेस्ट प्रबंधन और पर्यावरणीय ज़िम्मेदारी के नए मानक तय करेगी. पर्यावरण मंत्री के मुताबिक, यह देश का पहला ऐसा प्लांट होगा जो ग्रीन बेल्ट से घिरा, नेट ज़ीरो एमिशन पर आधारित और वास्तव में भारत में अब तक बना सबसे हरित औद्योगिक केंद्र होगा.
बुधवार को सचिवालय में पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद उन्होंने बताया कि 150 करोड़ की लागत वाले इस प्रोजेक्ट के लिए ग्लोबल टेंडर की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है. इसे जल्द ही DSIIDC द्वारा जारी किया जाएगा, जो इस परियोजना की नोडल एजेंसी है. उन्होंने कहा कि सिर्फ ढांचा खड़ा करना हमारा मकसद नहीं है, बल्कि हम चाहते हैं कि ग्रीन टेक्नोलॉजी में लोगों और सरकारों का विश्वास बढ़े.
पर्यावरण मंत्री ने आगे कहा कि इसके लिए हम दुनिया भर के सफल मॉडलों का अध्ययन कर रहे हैं. खासकर नॉर्वे (जो बेहद इको-फ्रेंडली है) और हांगकांग में, जहां ई-वेस्ट प्लांट शहरों के बीच होते हुए भी शून्य प्रदूषण फैलाते हैं. हमारा लक्ष्य है कि हम सबसे स्वच्छ और सुरक्षित तकनीक अपनाएं. इससे पर्यावरण सुरक्षित रहेगा, स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और दिल्ली को प्रदूषण से राहत मिलेगी.
बाहरी दिल्ली के होलंबी कलां में 11.4 एकड़ में फैले इस ग्रीन ई-वेस्ट इको पार्क में हर साल 51 हज़ार मीट्रिक टन से अधिक ई-वेस्ट का प्रोसेस किया जाएगा और यह 350 करोड़ रुपए से अधिक की रेवेन्यू जेनेरेट करेगा. साइट के 33 फीसद हिस्से में ग्रीन बेल्ट और 53 फीसद हिस्से में खुले क्षेत्र निर्धारित किए गए हैं, जो एक प्राकृतिक प्रदूषण रोधक कवच का काम करेंगे. साथ ही, यह प्लांट दिल्ली में वायु, जल और मिट्टी के प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा, कीमती धातुओं की रिकवरी करेगा और अनौपचारिक श्रमिकों को फॉर्मल सेक्टर में जोड़ते हुए हज़ारों ग्रीन नौकरियों के अवसर पैदा करेगा.
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि DSIIDC जल्द ही दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ग्रीन टेक्नोलॉजी पार्टनर्स को इस ग्लोबल बिड में आमंत्रित करेगा. यह भी तय हुआ है कि टेंडर के दायरे में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ ग्रीन टेक्नॉलॉजी पार्टनर्स को शामिल किया जाएगा, ताकि यह सुविधा ग्रीन, क्लीन, नेट ज़ीरो और दिल्ली के एक मुख्य आकर्षण के रूप में विकसित हो. उन्होंने कहा यह पहल दिल्ली सरकार के “विकसित दिल्ली” मिशन का हिस्सा है, जिसे सीएम रेखा गुप्ता के नेतृत्व में आगे बढ़ाया जा रहा है. जिसमें कचरे का दोबारा इस्तेमाल कर संसाधन और रोज़गार तैयार किए जाते हैं.
इन बिंदुओं पर केंद्रित होगी यह स्टडी:
- जीरो एमिशन और जीरो लैंडफिल रीसाइक्लिंग पार्क का डिज़ाइन और इंजीनियरिंग मॉडल
- वैज्ञानिक तरीकों से डिस्मेंटलिंग और कचरे का सेग्रीगेशन
- रेयर अर्थ और कीमती धातुओं की रिकवरी प्रणाली
- प्रदूषण नियंत्रण के उपाय, वायु गुणवत्ता की निगरानी और डिजिटल ट्रैकिंग
- अनौपचारिक ई-वेस्ट श्रमिकों के लिए कौशल विकास के साथ फॉर्मल सेक्टर से जुड़ाव
- घने पेड़ों की कैनोपी, ग्रीन ज़ोन और आकर्षक डिज़ाइन