एनटीपीसी पर पानी का 257 करोड़ बकाया बताने पर शोकॉज लापरवाही की हद, ईएनसी ने 21.80 करोड़ को 12 गुना ज्यादा बताया

सीताराम ठाकुर, भोपाल। भारत सरकार की स्वामित्व वाली कंपनी नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी) पर पानी का 257 करोड़ रुपए बकाया बताने के मामले में राज्य सरकार ने जल संसाधन विभाग के प्रभारी ईएनसी विनोद कुमार देवड़ा को शोकॉज नोटिस थमाते हुए 10 जुलाई तक जवाब मांगा है। इसमें ईएनसी की लापरवाही सामने आई है, जहां 21.80 करोड़ बकाया को उन्होंने 257.74 करोड़ रुपए बता दिया। मप्र का जल संसाधन विभाग केंद्र सरकार की विभिन्न संस्थाओं सहित उद्योगों को पानी मुहैया कराता है। एनटीपीसी भी भारत सरकार की संस्था है और ये भी जल ससांधन से पानी लेती है। वर्तमान में एनटीपीसी से सरकार को जल कर के रूप में 21.80 करोड़ रुपए लेना है, लेकिन जल संसाधन विभाग के प्रभारी प्रमुख अभियंता विनोद देवड़ा ने राज्य सरकार को भेजी 15 मई 2025 को एकल नस्ती में एनटीपीसी सिंगरौली पर मार्च 2025 की स्थिति में 257.74 करोड़ रुपए का बकाया बताते हुए सरकार को पत्र भेज दिया। राज्य सरकार ने जब बकाया राशि के बारे में एनटीपीसी के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर से इस संबंध में पत्र व्यवहार किया तो एनटीपीसी के महाप्रबंधक द्वारा 4 जून 2025 को बताया कि उनकी संस्था द्वारा जमा की गई राशि का देयक, चालान एवं भुगतान का विस्तृत विवरण उपलब्ध कराया, जिसमें माह अप्रैल में शेष बकाया राशि 21 करोड़ 80 लाख 94 हजार 649 रुपए का उल्लेख किया गया।
सरकार ने शोकॉज में निकाली गलतियां
विभाग ने प्रभारी ईएनसी विनोद कुमार देवड़ा को 3 जुलाई को दिए शोकॉज नोटिस में कहा-जल संसाधन कार्यपालन यंत्री क्रमांक-2 सिंगरौली के पत्र 10 जून 2025 के उल्लेख में एनटीपीसी सिंगरौली के ऊपर माह अप्रैल एवं मई 2025 के लिए जलकर की कुल राशि 21.80 करोड़ ही बकाया है, जो ईआईएमएस पोर्टल पर भी प्रदर्शित हो रही है, जबकि आपके द्वारा एनटीपीसी पर माह मार्च की स्थिति में बकाया राशि 257.74 करोड दर्शाई गई है। आपके द्वारा जिम्मेदार पद पर रहते हुए अपने दायित्व का उचित निर्वहन नहीं है, जो कि आपके इस पर के लिए अपेक्षित है। आपके इस कृत्य से अप्रिय स्थिति निर्मित हुई जिससे विभाग और शासन की छवि धूमिल हुई है, आपका उक्त कृत्य घोर लापरवाही का द्योतक है। आपके द्वारा इतनी अधिक राशि किस आधार पर दर्शाई गई है, के संबंध में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें।
सिविल सेवा आचरण का माना दोषी
राज्य सरकार ने अपने शोकॉज नोटिस में ईएनसी से कहा-आपका उक्त कृत्य मप्र सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 का उल्लंघन है, जो कि अनुशासनात्मक कार्यवाही की श्रेणी में आता है। क्यों न आपके विरुद्ध मप्र सिविल सेवा नियमों के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएं। विभाग ने ऐसा ही शोकॉज नोटिस जल संसाधन विभाग के वित्तीय सलाहाकर राजेश सिंह को भी थमाया है। राजेश सिंह से भी स्पष्टीकरण मांगते हुए शोकॉज का जवाब नहीं देने पर एक पक्षीय कार्यवाही करने की चेतावनी दी गई है। उधर, इस संबंध में जल संसाधन विभाग के ईएनसी विनोद कुमार देवड़ा से बात करनी चाही, तो उनका फोन बंद मिला।