एआई के चक्कर में फंसे मस्के, बदनामी पर करेंगे मानहानि का दावा
चीफ इंजीनियर के खिलाफ सीएम तक पहुंचीं शिकायतों के बाद सख्त
भोपाल । प्रदेश में अभी तक डिटिजल अरेस्ट के मामलों में ही ज्यादातर लोग और रिटायर्ड अधिकारी फंस रहे थे, लेकिन अब सड़कों का ठेका देने वाले चीफ इंजीनियर को भी लोगों ने एआई के जरिए फंसा लिया। ‘एआई ' यानि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस। इस टैक्नोलॉजी की दुरुपयोग के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री ने भी टेक्नोलॉजी का दुरुपयोग कर, ब्लैकमेलिंग के बढ़ते मामलों पर गंभीर चिंता जताई थी। इस टेक्नोलॉजी के दुरुपयोग का ऐसा ही एक मामला भोपाल पीडब्ल्यूडी विभाग में भी देखने में आया है। यहां पदस्थ चीफ इंजीनियर संजय मस्के का कथित महिला ठेकेदार के साथ एक वायरल फोटो, चर्चा का विषय बना हुआ है। लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता संजय मस्के पर गंभीर आरोप लगे हैं। नर्मदापुरम में सड़कों के निर्माण के लिए यूएस इंफ्रा प्रोजेक्ट कंपनी को करोड़ों रुपए का ठेका दिया गया है। कंपनी को ठेका मिलने के बाद मस्के की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए जा रहे हैं। भोपाल निवासी चंद्रवीर सिंह भाटी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और प्रदेश लोक निर्माण विभाग के मंत्री राकेश सिंह से भोपाल के मुख्य अभियंता संजय मस्के की शिकायत की है। शिकायत में कहा गया है कि यूएस इंफ्रा प्रोजेक्ट ने 9 अगस्त 2021 को अपना रजिस्ट्रेशन कराया था। महज तीन सालों के भीतर कंपनी को करोड़ों रुपए के प्रोजेक्ट कैसे और किस आधार पर दिए गए। फिलहाल नर्मदापुरम में सड़कों के निर्माण के कार्य मुख्य अभियंता संजय मस्के के अधीन संचालित हो रहे हैं। मंत्री राकेश सिंह का कहना है कि विशेषज्ञों के अनुसार ठेकों के आवंटन के लिए अनुभव और कंपनी की क्षमता का आकलन करना अनिवार्य होता है।
बदनाम करने वालों पर करूंगा मानहानि का दावा
वहीं, चीफ इंजीनियर संजय मस्के का कहना है कि फोटो टेंपरिंग कर सोशल मीडिया पर वायरल की गई है। जहां तक ठेके देने का सवाल है तो 5 करोड़ तक के टेंडर के लिए किसी एक्सपीरियंस की जरूरत नहीं होती। पीडब्ल्यूडी में रजिस्टर्ड किसी भी ठेकेदार को टेंडर दिया जा सकता है। उन्होंने कहा-मुो बदनाम करने वाले के खिलाफ मानहानि का दावा करूंगा। यह कारस्तानी एआई के जरिए की गई है। इसकी शिकायत में साइबर सेल में करने जा रहा हूं।